श्री हनुमान बाहुक हिंदी रूपांतरण दसवां श्लोक

भरी हनुमान बाहुक हिंदी रूपांतरण

महाबल-सीम,   महाभीम,    महाबानइत,
महावीर   बिदित     बरायो    रघुवीर को।
कुलिस - कठोरतनु   जोरपरै   रोर    रन,
करुणा - कलित  मन  धार्मिक  धीरको।।
दुर्जनको कालसो कराल पाल सज्जनको,
सुमिरे   हरनहार   तुलसी    की    पीरको।
सीय  -  सुखदायक   दुलारो   रघुनायको,
सेवक   सहायक  है   साहसी  समीर को ।।

अर्थात

Political king kong

परमवीरता की अंतिम सीमा , अत्यंंत भीमरूप, महाबलवान, श्री रघुनाथ  जी  द्वारा चुने गये महावीर हैं  हनुमान जी वज्र जैसे कठोर शरीर वाले हनुमानजी , जिनका जोर पड़ने पर युद्ध स्थल में कोहराम मच जाता है करुणामय ,धैर्यवान और धर्माचरण करने वाले भी है । दुष्टों के लिए भयंकर काल के समान और सज्जनो के पालनहार  है ।  स्मरण करते ही तुलसी के समान भक्तो की पीड़ा को मिटाने वाले , सीताजी को सुख देने वाले तथा राम जी के दुलारे है सेवको की सहायता करने वाले , रघुनाथ जी के दुलारे है साहसी पवनपुत्र हनुमान जी ।।श्री हनुमान बाहुक हिंदी रूपांतरण

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